पीले पीले सरसों के फूल पीली उड़े पतंग, रंग बरसे पीला और छाये सरसों सी उमंग, आपके जीवन में रहे सदा बसंत के रंग, बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं | हैप्पी बसंत पंचमी।
उड़ जाते है रंग, किताबों में दबे फूलों के भी, आसमान में कई रंग, बिखराए जाती है एक पतंग, आपको बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। हैप्पी बसंत पंचमी।
कमल पुष्प पर आसीत मां, देती ज्ञान का सागर मां, कहती कीचड़ में भी कमल बनो, अपने कर्मों से महान बनो | बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
सरस्वती पूजा का ये प्यारा त्यौहार, जीवन में लायेगा ख़ुशी अपार, सरस्वती विराजे आपके दवार, शुभ कामना हमारी करे स्वीकार |
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है, पतझड बसंत में बदल ही जाता है, मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना , समय कैसा भी गुजर ही जाता है | Happy Basant Panchami
मौसम की नजाकत है, हसरतों ने पुकारा है, कैसे कहे की कितना याद करते है, यह संदेश उसी याद का एक इशारा है | बसंत पंचमी की शुभकामनाए।
सरस्वती नमस्तुभ्यम वरदे कामा रूपिणी विद्यारंभम करिश्यमी, सिद्धिर बवाटू मे सदा | Happy Vasant Panchami
कभी ना हो कांटो का सामना, जिंदगी आपकी खुशियों से भरा रहे, संक्रांति पर हमारी यही दुआ, Wish U Happy Basant Panchami
तुझमें ही नवाते शीष,हे शारदा मैया दे अपना आशीष। Happy Basant Panchami
मंदिर की घंटी, आरती की थाली, नदी के किनारे सूरज की लाली, जिंदगी में आए खुशियों की बहार, आप को मुबारक हो बसंत पंचमी का त्योंहार | Wish You Happy Basant Panchami
चमन में फूल है बाकी ना, तुमसा फूल कोई । तुझे चाहा अगर मैंने बताइए, भूल है कोई।
मोहब्बत की गर्मी भी, क्या चीज है। तबीयत मेरी क्या से, क्या हो गई है।
आंखों में काजल भरा होठों पर है पान। आज किसका हो रहा है, ये कत्ल का इंतजाम।
रुला कर वापस जा रही हो प्यारी। दिल में जख्म गहरे हैं, तू टांके तो लगा जा प्यारी।
जालिम इतना घायल, कर दिया तूने। बुलाकर अपने घर बाप, से पिटवाया तूने।
तुम्हें पाने के लिए क्या, नहीं किया मैंने । दिन रात तेरी गली में, गुजार दिए मैंने।
पानी की जगह गम के, आंसू पीता हूं। तेरे प्यार की खातिर बाप के, डंडे खाता हूं।
कल बहारे थी यहां आज, फैली है खिज़ा। बिना तुम्हारे जिंदगी में अब, कहां है वो मजा।
इश्क बाजी वह करें जो, जान की बाजी करें | खुद को राजी करें और, माशूक को भूखा मारे।
ना लिखेंगे खत हम आज के बाद। क्योंकि हो गई है, पेन की स्याही महंगी |
आपकी कुतिया ने देखो कर, दिया घायल मुझे। मैं तो देने आया था तोहफे में, एक पायल तुझे।
खुशबू जो फूलों में समाई हुई है। ए दिल उसकी सांसों, से चुराई हुई है।
बरसात में किसी की याद, का दर्द पूछना है, तो मेरी आंखों से पूछो।
आप जब मुस्कुराते आते हैं, अदा से। मत पूछ कितने, फूल खिल जाते हैं यहां।
यह कैसा इंतिहान वक्त ने ले लिया। नीलाम एक शायर ने, जज्बातों को कर दिया।
मैंने लिखी है खून से इश्क की, कहानी। यह और बात है कि बर्बाद कर डाली जवानी।
कितने ही ख्वाब सजाए हैं, अभी पलकों पर। तुम करीब आओ, तो सब पूरे हो जाएं।
निगाहें ढूंढ रही है, वहीं ख्वाब सुनहरे। जो कभी मिल बैठ, कर दे
कौन जाने कब सुन ले, दुआ दिल की, खुदा के सामने हाथ, फैलाए रखना।
दिल से तड़प किसी, सूरत में नहीं जाती, हाय क्या होगा तेरे, जुनूँ का अंजाम?
खुशबू समेटकर सारे गुलशन की। कुदरत ने भर दी उस हंसी, की सांसो में।
शहर ही नहीं दुनिया छोड़ देता | काश यह फैसला खुद तूने, सुनाया होता।
मैं नजर से कह रहा था, वह नजर से सुन रहे थे । हम दोनों यूं ही कुछ, सपने बुन रहे थे।
शबनम सी सादगी फूलों की ताजगी | लेकर मैंने तेरे हुस्न को, संवारा रातों में।
कितने इल्जाम अभी उठाने होंगे | बदनाम और कितने हमारे फसाने होंगे।
दीया उम्मीदों का यू बुझाया नहीं करते। प्यार करने वालों को क्यों, भुलाया नहीं करते।
नाम रोशन हो गया दीवानों में तेरा, मेरा। कुछ इतने चर्चे शहर में, हमारे प्यार के हुए |
तेरी दीवानगी ने बड़ा यह काम, किया। दुनिया भर में मशहूर, मेरा नाम किया।
पत्थरों के शहर में फरियाद क्या, करें? जो भूल गई हमें अब उसे, याद क्या करें।
तेरे बदन पर उमड़ा हुआ वो शबाब, आज फिर कर रहा है, दिल को बेताब।
आईने में अपना हुस्न देखकर वो बोले, तेरी दीवानगी मुझसे भी ज्यादा है।
देखा मुझे मुस्कुराकर नजरें, झुका दी कितनी सादगी से, बिजली गिरा दी।
जी चाहे तोड़कर रस्मों की जंजीरों, को मैं तुझको बांध लूं, प्रीत की डोरी से।
जब भी जिक्र होगा मेरा तेरे सामने कभी तनहाई में जाकर अश्क, बहाया करेगी बहुत।
नहीं भूल पाऊंगा तेरी बाहों के दायरे, क्या एक बार फिर प्यार, को निभाने आओगी।
प्यार तुमने खुद किया था किसी, की मर्जी से नहीं वफ़ा निभा दे हर, एक से मुंह मोड़ कर।
मेरी जिंदगी है तेरे प्यार की कहानी, मर जाऊंगा जानम मुझे, ना भूल जाना।
क्या हालत है मेरी ए बेवफा तू, क्या जाने मेरी तो मौत भी मेरी, जिंदगी से घबरा गई।
एक पल भी चैन नहीं आता, क्यों तूने प्यार किया, मुझसे इस कदर |
किस पर अब यकीन हम करें ए, सनम इस शहर का हर शख्स, प्यार से अंजाना है।